आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि पत्नी के अलावा, नौकर, भाई और मित्र को कब परखना चाहिए। तभी जाना जा सकता है कि वे आपके लिए कितने ईमानदार हैं?
चाणक्य के अनुसार पैसा न होने पर पत्नी की परीक्षा लेनी चाहिए। अगर पत्नी आपसे सच्चा प्यार करती है और आपके प्रति ईमानदार है तो वह पैसा न होने पर भी आपका साथ नहीं छोड़ेगी।
नौकर को परखने के लिए उस पर नजर रखना चाहिए। यदि उसके व्यवहार में जरा भी परिवर्तन आए तो उसका कारण जानें। नहीं तो नौकर किसी भी दिन आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, संकट यानी परेशानी की स्थिति में भाई को परखना चाहिए कि वो ऐसे समय किस तरह हमारी मदद करते हैं या सिर्फ मदद करने का नाटक करता है।
कौन आपका सच्चा दोस्त है और कौन दोस्त होने का नाटक करता है, इस बात का सच जानने के लिए विपत्ति का समय सबसे सही होता है क्योंकि सिर्फ सच्चे दोस्त ही मुसीबत में आपका साथ देंगे।