आचार्य चाणक्य में अपनी एक नीति में 4 ऐसे कामों के बारे में बताया है जो भूलकर भी पति-पत्नी को साथ मिलकर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से अशुभ फल मिलते हैं। जानें कौन-से हैं ये 4 काम…
महाभारत के अनुसार, पति-पत्नी को एक थाली में भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा भोजन नशे के समान माना गया है। पहले पति को भोजन करना चाहिए और इसके बाद पत्नी को।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, पति-पत्नी को साथ में स्नान नहीं करना चाहिए। पति-पत्नी तीर्थ यात्रा पर जाएं तो वहां भी एक साथ नदी में स्नान करने की मनाही है। इस बात का ध्यान रखें।
पति कोई तामसिक पूजा करे तो पत्नी को उसमें शामिल नहीं होना चाहिए। ऐसी पूजा सिर्फ पुरुषों के लिए होती है। इस पूजा में मांस-मदिरा का उपयोग किया जाता है। पत्नी को इससे बचना चाहिए।
जिन स्थानों पर किसी स्त्री के जाने की मनाही है, वहां पति के साथ भी पत्नी को जाने से बचना चाहिए। कई बार ऐसी स्थिति बहुत ही अपमानजनक और शर्मनाक हो सकती है।