7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक है। आगे जानिए चंद्र ग्रहण से जुड़े 10 सवालों के जवाब, जो आपके मन की जिज्ञासा शांत करेंगे…
7 सितंबर, रविवार की रात 9:57 से चंद्र ग्रहण शुरू होगा, जो मध्य रात्रि 01:27 तक रहेगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 30 मिनिट रहेगी। पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 11:42 पर होगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक 7 सितंबर की दोपहर 12:57 से शुरू होगा जो ग्रहण के साथ ही समाप्त होगा यानी रात 01:27 पर। सूतक के दौरान विशेष नियमों का पालन किया जाता है।
7 सितंबर को होने वाला ये चंद्र ग्रहण भारत के अलावा अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, यूरोप आदि स्थानों पर भी दिखाई देगा।
7 सितंबर से ही श्राद्ध पक्ष भी शुरू हो रहे हैं, इसलिए तर्पण, पिंडदान आदि कार्य सूतक शुरू होने से पहले ही कर लें और भोजन, पानी में तुलसी के पत्ते या कुशा डालकर रख दें।
सूतक के दौरान पूजा-पाठ न करें। कुछ भी खाएं-पीए नहीं। सूतक में सोने की भी मनाही है। गर्भवती महिलाएं इस दौरान घर से बाहर न निकलें न ही धारदार चीजों का उपयोग करें।
सूतक के दौरान मंत्र जाप कर सकते हैं। अपने ईष्टदेव का ध्यान करें। भजन-कीर्तन कर सकते हैं। ऐसा करने से आप चंद्र ग्रहण के अशुभ परिणाम से काफी हद तक बच सकते हैं।
चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद अपने घर को पानी से धोएं, स्वयं भी स्नान करें। जरूरतमंदों को अनाज आदि का दान करें। भगवान की पूजा करें। इससे शुभ फल मिलेंगे।
इस चंद्र ग्रहण को सीधे आंखों से देखा जा सकता है। इसके लिए किसी चश्मे या फिल्टर की आवश्यकता नहीं है। दूरबीन या टेलीस्कोप से देखने पर ये और भी साफ दिखाई देगा।
अपने परिक्रमा पथ पर घूमते हुए जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंचता, जिससे चंद्रमा दिखाई नहीं देता, इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं।
चंद्र ग्रहण 3 प्रकार का होता है- पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन तीनों का अलग-अलग महत्व है और इन्हें खास बनाता है।