धनतेरस 28 (oct) और दिवाली ( 31 oct) के दिन मां लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा। धनतेरस और दिवाली के दिन कमल का फूल देवी लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है।
अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन के साथ उनके वाहन उल्लू का भी पूजन किया जाता है।
मां लक्ष्मी के वाहन उल्लू बहुत ही विचित्र जीव है, ये काफी डरावना भी दिखता है।
उल्लू की आंखें बेहद डरावनी होती हैं। इस पर कोई पलकें नहीं होती हैं सपाट आंखें देखकर कोई भी खौफ खा जाता है।
उल्लू दूर दृष्टि वाला पक्षी है, वह काफी दूर से अपने शिकार को देख लेता है। उसका सिर बड़ा और चौड़ा होाता है।
उल्लू के पंख बेहद सॉफ्ट होतें हैं। वो एकदम चुपचाप अपने शिकार के पास पहुंचता है।
उल्लू अपना पूरा सिर घुमा सकता है। उल्लूयों की कुछ प्रजाति 180° तो कुछ अन्य 270° तक सिर को भी घुमा सकती हैं।
उल्लू के लैग थम्ब गूठा उल्टा होता है, ये इसे आगे के साथ पीछे की तरफ मूव कर सकता है।
उल्लू की पूंछ एकदम छोटी होती है। जानकारी के मुताबिक पृथ्वी पर इनकी लगभग 250 प्रजातियां हैं.
उल्लू अक्सर पेड़ों पर घोंसला बनाते हैं। पुराने और वीरान पड़े भवन में भी वे उनकी फेवरेट जगह है।