इस बार दीपावली उत्सव 10 नवंबर, शुक्रवार को धनतेरस से शुरू हो चुका है। दिवाली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। दिवाली की शाम को लक्ष्मी पूजा करने का विधान है।
मान्यता है कि त्रेता युग में जब भगवान श्रीराम कार्तिक अमावस्या पर अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने दीपक जलाकर खुशियां मनाई थी। तभी से दीपक इस त्योहार के साथ जुड़ गया है।
दिवाली की शाम को जब देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है तो वहां बहुत सारे दीपक जलाए जाते हैं, जिससे माता की कृपा हमारे ऊपर बनी रहे। इससे घर में सुख-समृद्धि भी आती है।
लक्ष्मी पूजा के दौरान कितने दीपक जलाने चाहिए, इसके संबंध में ग्रंथों में कहीं कोई उल्लेख नहीं मिलता, लेकिन कुछ विद्वानों के अनुसार, दीपकों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए।
लक्ष्मी पूजा में अपनी इच्छा अनुसार, 11, 21 या 51 दीपक जलाएं। दीपक की संख्या 10, 20 या 30 नहीं होनी चाहिए क्योंकि इनके पीछे शून्य होता है जो समाप्ति की ओर इशारा करता है।
हिंदू धर्म में जब भी किसी को पैसों के रूप में उपहार दिया जाता है तो उसके साथ 1 रूपया अधिक रखा जाता है 51 या 10, कारण ये है कि ये संख्या शकुन का स्वरूप होती है।