Dussehra 2024: ब्रह्मा का वरदान कैसे बना रावण की मौत की वजह?
Spiritual Oct 12 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:adobe stock
Hindi
दशहरा 12 अक्टूबर को
12 अक्टूबर, शनिवार को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस दिन रावण के पुतलों का दहन करने की परंपरा है। रावण महाशक्तिशाली था और भगवान ब्रह्मा के वंश में पैदा हुआ था।
Image credits: adobe stock
Hindi
रावण ने क्या वरदान मांगा?
रामचरित मानस के अनुसार, रावण ने घोर तपस्या करके ब्रह्मदेव को प्रसन्न कर लिया। ब्रह्मदेव ने प्रकट होकर उन्हें वरदान मांगने को कहा तो रावण ने अमरता का वरदान मांगा।
Image credits: adobe stock
Hindi
संसार में कोई अमर नहीं
ब्रह्मदेव ने कहा कि ‘अमरता का वरदान तो किसी के लिए भी संभव नहीं है। संसार में जिसका भी जन्म हुआ, उसकी मृत्यु होना निश्चित है, इसलिए तुम कुछ और वरदान मांग लो।’
Image credits: adobe stock
Hindi
रावण ने मांगा ये वरदान
तब रावण ने ब्रह्मदेव से वरदान मांगा कि ‘हम काहू के मरहिं न मारें। बानर मनुज जाति दुइ बारें॥ यानी वानर और मनुष्यों के अलावा और किसी के हाथों मेरी मृत्यु न हो सके।’
Image credits: adobe stock
Hindi
इसलिए रावण ने मांगा ये वरदान
ब्रह्मदेव ने रावण को ये वरदान दे दिया। रावण समझता था कि वानर और मनुष्य तो मेरे सामने कीड़े-मकोड़ों की तरह है, ये मुझे कभी मार ही नहीं सकते। इसलिए उसने ऐसा वरदान मांगा।
Image credits: adobe stock
Hindi
इसलिए हुआ रावण का सर्वनाश
रावण की यही गलती उसके लिए सर्वनाश का कारण बनी। जिन वानर और मनुष्यों को रावण तुच्छ समझता था, उन्हीं को हाथों उसकी मृत्यु हुई और लंका का सर्वनाश भी हुआ।