11 अक्टूबर, शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन है। इन 9 दिनों में रोज देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। आपने देखा होगा कि अधिकांश देवी मंदिर पहाड़ों पर बने हैं।
पहाड़ों पर देवी मंदिर बने होने के पीछ एक मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक कारण छिपे हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। आगे जानिए क्या है इस परंपरा के पीछे का कारण…
वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि पहाड़ों पर पॉजिटिव एनर्जी का स्तर अन्य स्थानों की अपेक्षा ज्यादा होता है। ये पॉजिटिविटी हमारे लिए बहुत ही जरूरी होती है, जो यहां आने से ही मिलती है।
पहाड़ों पर देवी दर्शन करने के दौरान उस पॉजिटिव एनर्जी का फायदा भक्तों को किसी न किसी रूप में जरूर दिखाई देता है, इसलिए अधिकांश देवी मंदिर पहाड़ों पर बनाए गए हैं।
इस परंपरा के पीछे एक कारण ये भी है कि इतनी ऊंचाई पर आकर लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके और वे प्राकृतिक परिवेश को अनुभव कर सके। इससे और भी कईं फायदे होते हैं।
पहाड़ों पर चढ़ने उतरने के दौरान कईं शारीरिक समस्याएं भी दूर होती हैं। जो लोग इन स्थानों के आस-पास रहते हैं उन्हें इसका अधिक फायदा मिलता है। इस परंपरा का ये भी एक कारण है।