इस बार विजयादशमी पर्व 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन रावण के पुतलों का दहन करने की परंपरा है। रावण को कईं लोगों ने श्राप दिया था, जो उसके विनाश का कारण बने।
रावण को श्राप देने वालों की लंबी लिस्ट है। इनमें से कुछ श्राप ऐसे हैं जिनके कारण उसका समूल नाश हो गया। आज हम आपको रावण को मिले उन्हें श्रापों के बारे में बता रहे हैं…
एक बार रावण भगवान शिव के दर्शन के लिए कैलाश गया तो वहां नंदी के स्वरूप को देखकर रावण उनकी हंसी उड़ाने लगा। उस समय नंदी ने रावण को सर्वनाश का श्राप दिया था।
एक दिन रावण अपनी पत्नी मंदोदरी की बहन माया के पास गया। माया का सौंदर्य देखकर रावण ने लंका चलने को कहा। तब माया ने श्राप दिया कि तुम्हारी मृत्यु स्त्री के कारण होगी।
पूर्व समय में अयोध्या के राजा अनरण्य का रावण से युद्ध हुआ था, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने रावण को श्राप दिया कि मेरे ही वंश में उत्पन्न एक योद्धा तेरी मृत्यु का कारण बनेगा।
रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के पति विद्युतजिव्ह का वध कर दिया था। तब शूर्पणखा ने भी मन ही मन रावण को श्राप दिया कि मेरे ही कारण तेरा सर्वनाश होगा और ऐसा ही हुआ।
एक बार रावण ने तपस्या कर रही युवती को बलपूर्वक पकड़ लिया। उस तपस्विनी ने उसी क्षण अपनी देह त्याग दी और रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी।