इस बार दशहरा पर्व 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन रावण के पुतलों का दहन भी किया जाता है। रावण को अजेय योद्धा कहा जाता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
रावण अपने जीवनकाल में कईं योद्धाओं से हारा। इनके बारे में रामायण व अन्य ग्रंथों में बताया गया है। रावण जिस भी योद्धा से हारता, उसे अपना मित्र बना लेता था। जानें कौन थे वे महाबली…
रावण को अपनी शक्ति पर अहंकार था। इसी अहंकार में वो वानरराज बाली से युद्ध करने पहुंच गया। तब बाली ने रावण को अपनी पूंछ में लपेटकर उसे पराजित कर दिया।
प्राचीन समय में महिष्मती नगर के राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन थे। उनसे भी रावण का भयंकर युद्ध हुआ। सहस्त्रबाहु ने रावण को बंदी बना लिया। बाद में दया करके उसे छोड़ भी दिया।
स्वर्ग जीतने के बाद रावण जब पाताल लोक गया तो यहां दैत्यों के राजा बलि से भी उसका भयंकर युद्ध हुआ। बलि ने रावण को पकड़कर घोड़ों के साथ अस्तबल में बांध दिया था।
रावण यमराज से लड़ने गया था। तब यमराज ने रावण के प्राण लेने के लिए जैसे ही अपना पाश निकाला, ब्रह्मदेव ने उन्हें रोक दिया। ब्रह्मदेव के कहने पर यमराज ने उसे जीवनदान दे दिया।