जग्गी वासुदेव, जिन्हें सद्गुरु के नाम से जाना जाता है, आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक हैं। फाउंडेशन का उद्देश्य आध्यात्मिक-शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
सद्गुरु कई पुस्तकों के लेखक भी हैं, जिनमें इनर इंजीनियरिंग: ए योगी'स गाइड टू जॉय और कर्मा: ए योगी'स गाइड टू क्राफ्टिंग योर डेस्टिनी शामिल हैं।
सद्गुरु अपने पर्यावरणीय अभियानों जैसे रैली फॉर रिवर्स, कावेरी कॉलिंग और प्रोजेक्ट ग्रीनहैंड्स के लिए भी फेमस हैं। इन पहलों के लिए उन्हें 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
सद्गुरु का जन्म जगदीश वासुदेव के रूप में तेलुगु परिवार में हुआ। माता-पिता बी.वी. वासुदेव -सुशीला वासुदेव के 5 बच्चों में सबसे छोटे थे।पिता मैसूर रेलवे अस्पताल में आंख के डॉक्टर थे।
1984 में सद्गुरु ने विजीकुमारी से शादी की, जिनसे उनकी एक बेटी है। 1997 में उनकी पत्नी का दुखद निधन हो गया। उनकी बेटी राधे ने 2014 में भारतीय शास्त्रीय गायक संदीप नारायण से शादी की।
सद्गुरु ने मैसूर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में पढ़ाई की। पोल्ट्री फार्मिंग में बिजनेस शुरू किया। लेकिन फिर उन्होंने यह बिजनेस बंद कर, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में कदम रखा।
1983 में मैसूर में उन्होंने अपनी पहली योग क्लास ली, जिसके बाद उनका आध्यात्मिक सफर शुरू हुआ।
सद्गुरु को फैशनेबल और स्पोर्टी स्टाइल में भी देखा जा सकता है। उन्होंने कई बार विक्टोरिनॉक्स स्विस आर्मी कैवेलरी और कार्टियर पशा सीटाइमर जैसी घड़ियां पहनी हैं।
सद्गुरु की शिक्षाएं कई प्रसिद्ध हस्तियों को प्रेरित करती हैं, जिनमें आर माधवन, अजय देवगन, कंगना रनौत, विल स्मिथ शामिल हैं।
1994 में स्थापित ईशा योग केंद्र, सद्गुरु की मुख्य प्राथमिकता और आय का स्रोत है। फाउंडेशन को विभिन्न स्रोतों से आर्थिक समर्थन प्राप्त होता है, जो इसके विकास में मदद करता है।