इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है। । अनेक स्थानों पर गणेश उत्सव सामूहिक रूप से भी मनाया जाता है। आगे जानिए कैसे हुई सामूहिक गणेश उत्सव की शुरूआत…
पहले के समय में सिर्फ एक ही दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता था। उस समय सामूहिक रूप से गणेश उत्सव मनाने का चलन नहीं था। न ही ये उत्सव इतने भव्य स्तर पर मनाया जाता था।
गणेश उत्सव को भव्य रूप दिया पेशवाओं ने। उस समय पूना और इसके आस-पास के क्षेत्रों पर पेशवाओं का अधिकार था। लेकिन भव्य स्तर पर भी ये पर्व सिर्फ 1 ही दिन मनाया जाता था।
अंग्रेजों के शासन में हिंदू धर्म के प्रति उदासीन होते जा रहे थे। ऐसे समय में क्रांतिकारी लोकमान्य तिलक ने हिंदुओं को संगठित करने के लिए सामूहिक गणेश उत्सव मनाने पर विचार किया।
लोकमान्य तिलक ने पूना में सन् 1893 में सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरूआत की। इसके बाद देश भर में भी सार्वजनिक स्थानों पर और संस्थाओं में सामूहिक गणेश उत्सव मनाया जाने लगा।
लोकमान्य तिलक ने जब इस उत्सव का भव्य रूप देखा तो इसे 1 नहीं 10 दिनों तक मनाए जाना तय किया। सभी लोगों ने इसका समर्थन किया। तभी से गणेश उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है।