Hindi

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन से जुड़ी 7 बात, जो बहुत कम लोग जानते हैं

Hindi

जानें रक्षाबंधन से जुड़ी खास बातें

रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। ये भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस बार ये पर्व 30 अगस्त, बुधवार को है। इस पर्व से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं…

Image credits: Getty
Hindi

कैसे हुई इस पर्व की शुरूआत?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, सबसे पहले देवराज इंद्र ने युद्ध में विजय पाने के लिए अपनी पत्नी शचि से अभिमंत्रित रक्षासूत्र बंधवाया था। यही रक्षासूत्र आज राखी के नाम से जाना जाता है।

Image credits: Getty
Hindi

कैसे बना ये भाई-बहन का पर्व?

प्रचलित कथा के अनुसार जब राजा बलि वरदान मांगकर भगवान विष्णु को पाताल लोक ले गए। तब देवी लक्ष्मी ने बलि को रक्षासूत्र बांधकर उन्हें भाई बनाया और उपहार में विष्णुजी को मांग लिया।

Image credits: Getty
Hindi

किस तिथि पर मनाते हैं रक्षाबंधन?

रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। ये सावन मास का अंतिम दिन होता है। सावन हिंदू पंचांग का पांचवां महीना है। इसके अगले दिन से भाद्रपद मास शुरू हो जाता है।

Image credits: Getty
Hindi

रक्षाबंधन पर ही क्यों बनता है भद्रा का संयोग?

एक तिथि के 2 भाग को करण कहते हैं। इनकी संख्या 11 है। इनमें से एक है भद्रा। भद्रा का संयोग पूर्णिमा तिथि पर जरूर बनता है। रक्षाबंधन पूर्णिमा पर आती है, इसलिए ऐसा होता है।

Image credits: Getty
Hindi

पहले पंडित बांधते थे रक्षासूत्र

प्राचीन समय में पंडित अपने यजमानों को सावन पूर्णिमा पर रक्षासूत्र बांधते थे, जो विशेष तरीके से तैयार होता था। ऐसा कहते हैं कि उस रक्षासूत्र से परेशानियां अपने आप ही दूर हो जाती थी।

Image credits: Getty
Hindi

रक्षाबंधन पर होता श्रावणी उपाकर्म

हर साल रक्षाबंधन पर श्रावणी उपाकर्म किया जाता है। इस परंपरा के अंतर्गत ब्राह्मण अपने जनेऊ उतारकर नई जनेऊ धारण करते हैं। हर ब्राह्मण को इसे करना अनिवार्य माना जाता है।

Image credits: Getty
Hindi

ये है राखी बांधने का मंत्र

बहनें भाई को राखी बांधने से पहले ये मंत्र बोलें, इससे शुभ फल मिलेंगे।
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि ,रक्षे माचल माचल:।

Image Credits: Getty