27 नवंबर, सोमवार को सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव का जन्मदिवस है। सिक्ख धर्म में हर व्यक्ति के लिए 5 चीजें अनिवार्य मानी गई हैं, जिन्हें पंच ककार कहते हैं।
सिक्खों के लिए 5 मर्यादाएं- केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करने का आदेश अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने दिया था। इन 5 चीजों को ही पांच ककार कहा जाता है।
पंच ककार यानी केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करना सभी सिखों के लिए अनिवार्य होता है। आगे जानिए सिक्खों के लिए क्यों जरूरी माना गया है पंच ककार…
केश यानी बाल धर्म गुरुओं की पहचान है। ये सिक्खों के लिए पहला नियम भी है। सिक्ख भूलकर भी कभी अपने बाल नहीं कटवाते। बाल सिक्खों की आध्यात्मिक छवि को दर्शाते हैं।
सिक्ख धर्म में बाल संवारने के लिए कंघा भी जरूरी माना गया है। इसे हर सिक्ख को अपने साथ रखना पड़ता है। इसके पीछे कारण है ये कि हर स्थिति में बाल व्यवस्थित होना चाहिए।
कृपाण यानी कटार सिक्ख धर्म के हर व्यक्ति के पास अनिवार्य रूप से होती है। ये आत्म पक्ष के लिए जरूरी मानी गई है। सिक्ख योद्धा के रूप में इसे हमेशा अपने साथ रखते हैं।
हर सिक्ख के लिए हाथ में कड़ा पहनना जरूरी नियम है। ये कड़ा हमेशा सिक्खों को नियम और मर्यादा में रहने की चेतावनी देता है। ये कड़ा किसी भी धातु का हो सकता है।
कच्छा यानी इनर वियर भी सिक्खों के लिए जरूरी है। ये चुस्ती-स्फूर्ति का प्रतीक माना गया है। इसलिए हर खालसा को कच्छा धारण करना अनिवार्य बताया गया है।