जब भी किसी मकान को बनाने का काम शुरू होता है तो उसकी नींव में चांदी के नाग-नागिन और कछुआ जरूर रखा जाता है। ऐसा क्यों किया जाता है, आगे जानिए इसका कारण…
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, नए घर का भूमि पूजन करते समय उसकी नींव में चांदी के नाग-नागिन और कछुआ रखने की परंपरा है। इसके पीछे एक मनोवैज्ञानिक पक्ष है।
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, हिंदू धर्म में बताया गया है कि ये धरती शेषनाग के फन पर टिकी हुई है। जिसके कारण ये स्थिर है और इस पर कोई विपत्ति भी नहीं आती।
मकान की नींव में चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा भी इसी सोच के साथ रखा जाता है कि ये मकान भी सदैव स्थिर रहे, इस पर किसी तरह की को विपत्ति आदि न आए और यहां सुख-शांति रहे।
कछुआ का एक नाम कच्छप भी है। जब समुद्र मंथन हो रहा था तो भगवान विष्णु ने डूबते हुए मदरांचल पर्वत को स्थिर करने के लिए ये अवतार लिया था। इसलिए कछुआ पूजनीय है।
मकान की नींव में कछुआ रखने के पीछे भी ये मान्यता है कि जिस तरह भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार में मदरांचल पर्वत को स्थिर किया था, उसी तरह ये मकान भी सदैव स्थिर रहे।