ज्योतिषियों के अनुसार, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है तो खर मास शुरू हो जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किए जाते। जानें खर मास से जुड़ी अन्य बातें…
इस बार सूर्य 14 मार्च से 14 अप्रैल तक मीन राशि में रहेगा। इस समय को ही खर मास कहा जाएगा। धर्म ग्रंथों में खर मास से जुड़ी कईं बातें बताई गई हैं। जानें खर मास कौन-से काम न करें…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, खर मास में कुछ खास चीजें खाने से बचना चाहिए- चावल, बथुआ, शहतूत, ककड़ी, जीरा, सौंठ, इमली, सुपारी, आंवला, चावल का मांड, चौलाई, उरद आदि।
खर मास का धार्मिक महत्व भी है, इसलिए इस महीने में तामसिक चीजें जैसे लहसुन-प्याज, शराब, मांसाहार भूलकर भी नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से अशुभ फल मिलते हैं।
ग्रंथों के अनुसार, खर मास के दौरान ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए यानी पत्नी या अन्य किसी स्त्री के समीप नहीं जाना चाहिए। ब्रह्मचर्य व्रत का पालन तन से ही नहीं मन से भी करें।
खर मास के दौरान किसी का भी बुरा न करें और न ही किसी को अपशब्द बोलें। ब्राह्मण, गुरु, साधु-सन्यांसी और स्त्री की निंदा भी न करें। ये भी खर मास के नियमों में आता है।
खर मास में संयम पूर्वक रहना चाहिए। इस दौरान किसी पर क्रोध न करें, किसी का दिल न दुखाएं और न ही किसी से विवाद करें। किसी से कोई गलती हो जाए तो उसे क्षमा कर दें।