हिंदू परंपरा के अनुसार जब किसी की मृत्यु होती है तो उसके शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता। कोई न कोई उसके साथ जरूर रहता है। आगे जानिए क्या है इसका कारण…
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा पुन: अपने शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करती है, ऐसी स्थिति में शव के आस-पास किसी न किसी का होना जरूरी होता है।
मान्यता के अनुसार, शव के आस-पास निगेटिव शक्तियां यानी भूत-प्रेत सक्रिय हो जाते हैं और उस शरीर पर अधिकार करने का प्रयास करते हैं। इसलिए भी शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता।
कुछ लोग शव के अंगों या बालों का उपयोग तांत्रिक क्रियाएं में भी करते हैं। जिसकी वजह से मृतक की आत्मा को मोक्ष नहीं मिल पाता। इस कारण से भी शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता।
शव को अकेला छोड़ने से उसके आसपास कीड़े व अन्य जानवर आने लगते हैं। इनसे बचाने के लिए भी शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। ये कीड़े शव को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शव को ज्याद समय तक रखा जाए तो उससे गंध आने लगती है, जिससे बैक्टीरिया आदि पनपने लगते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए भी कोई न कोई शव के पास जरूर रहता है।