हिंदू धर्म में बच्चों के नाम रखने को 16 संस्कार में शामिल किया गया है। इसे नामकरण कहते हैं। ये बच्चों का 5वां संस्कार होता है। बच्चों का नाम रखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शिशु के जन्म के 11वें या सौवें दिन नामकरण संस्कार करने का विधान है। इसी दिन बच्चे को शहद चटाकर सूर्य के दर्शन भी कराए जाते हैं। ऐसा करना शुभ होता है।
ब्राह्मण द्वारा ज्योतिष आधार पर बच्चों की राशि और नाम का पहला अक्षर बताया जाता है। इसी अक्षर से बच्चे का नाम रखा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करना बच्चे के लिए अनुकूल होता है।
विद्वानों के अनुसार, बच्चों का नाम न ज्यादा छोटा न ही ज्यादा बड़ा होना चाहिए। उसे बोलने में किसी तरह की कोई समस्या भी नहीं होना चाहिए। ऐसा नाम ही शुभ माना जाता है।
बच्चों का जो भी नाम रखा जाए, उसका कोई शुभ अर्थ भी होना चाहिए जैसे- दिनेश, महेश, गंगा, शकुंतला आदि। इस तरह के नाम रखने से जीवन भर बच्चों पर शुभ प्रभाव बना रहता है।
बच्चों का ऐसा नाम बिल्कुल न रखें, जिसे बोलने में दुविधा हो या जिसका कोई गलत अर्थ निकले जैसे- रावण, विभीषण और शैतान। इस तरह के नाम हिंदू धर्म में अशुभ माने गए हैं।
बच्चों के 2 नाम भी रखे जा सकते हैं। स्कूल आदि के लिए कुछ और व सामान्य बोलचाल में अलग। पर ऐसा करते समय भी ऊपर बताई गई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।