इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को है। पंचांग भेद के कारण ये पर्व 2 दिन मनाया जाएगा। जन्माष्टमी का व्रत करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए…
किसी भी पूजा या व्रत से पहले संकल्प लिया जाता है। इसके लिए हाथ में जल और चावल लेकर जिस इच्छा के लिए आप व्रत कर रहे हैं वो बोलकर जल को जमीन पर छोड़ दें।
जन्माष्टमी पर दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन आप गरीबों को भोजन, कच्चा अनाज, वस्त्र आदि चीजें दान कर सकते हैं। इससे आपको शुभ फल मिल सकते हैं।
वैसे तो अधिकांश लोग जन्माष्टमी पर व्रत ही रखते हैं, लेकिन किसी कारण वश यदि व्रत न रख पाएं तो सात्विक भोजन ही करें। इसमें प्याज-लहसुन का उपयोग करने से बचें।
जन्माष्टमी पर ब्र्हमचर्य व्रत का पालन करें। न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मन से भी इस नियम का पालन करें यानी इस तरह के विचार भी मन में न लाएं।
जन्माष्टमी बहुत ही पवित्र और प्रमुख त्योहार है। इस दिन किसी भी तरह का नशा करने से बचें। जो भी ये काम करता है, उसे भविष्य में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जन्माष्टमी पर मन को शांत रखें और किसी तरह की कोई बुरी भावना मन में न लाएं। यदि किसी से कोई गलती भी हो जाए तो उस पर गुस्सा न करें बल्कि प्यार से समझाएं।