इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 व 7 सितंबर को मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण से जुड़ी ऐसी कईं बातें हैं, जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं। आज हम आपको श्रीकृष्ण की कुछ ऐसी ही बातें बता रहे हैं
धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर साल 2023 में भगवान श्रीकृष्ण का 5250 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा-दीक्षा उज्जैन में सांदीपनि ऋषि के आश्रम में हुई। उन्होंने महज 64 दिनों में ही गुरु सांदीपनि से सम्पूर्ण शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण कर ली थी।
धार्मिक ग्रंथों के आधार पर भगवान श्रीकृष्ण ने 11 साल 7 दिन की आयु में कंस का वध किया था। इसके कुछ दिन बाद ही वे शिक्षा प्राप्त करने के लिए उज्जैन आए थे।
अष्टमी तिथि पर चंद्रमा उच्च स्थिति में रहता है। श्रीकृष्ण का जन्म चंद्रवंश में ही हुआ था। वे ही इस वंश के पिता भी हैं। इसीलिए अवतार का यहीं दिन भगवान ने चुना।
श्रीकृष्ण की 8 प्रमुख पटरानियां थीं। जब श्रीकृष्ण ने भौमासुर राक्षस का वध किया था तो उसकी 16100 रानियों ने भी श्रीकृष्ण से ही अपनी मर्जी से विवाह कर लिया।
महाभारत युद्ध के बाद गांधारी ने श्रीकृष्ण को श्राप दिया था कि आज से 36 साल बाद धरती पर तुम्हारा अंत हो जाएगा और द्वारका नगरी तबाह हो जाएगी।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की अपनी पत्नियों से कई हजार पुत्र थे, लेकिन पुत्री सिर्फ देवी रुक्मिणी से थी। श्रीकृष्ण की पुत्री का नाम चारुमति था।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब का विवाह दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा से हुआ था। इस तरह श्रीकृष्ण और दुर्योधन आपस में समधी थे।