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Kyo Manate hai Makar Sankranti: क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?

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मकर संक्रांति 15 जनवरी को

इस बार सूर्य 15 जनवरी, सोमवार की सुबह मकर राशि में प्रवेश करेगा, इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मकर संक्रांति क्यों मनाते हैं, आगे जानिए इससे जुड़े 5 कारण…

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शुरू होता है देवताओं का दिन

सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश है तो उत्तरी गोलार्द्ध की ओर गति करता है, इसे उत्तरायण कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे देवताओं का दिन कहा गया है। इसी खुशी में मकर संक्रांति मनाते हैं।

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गंगा सागर में हुआ था गंगा का मिलन

प्राचीन काल में जब सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया था उसी दिन देवनदी गंगा का सागर में मिलन हुआ था। उस स्थान को गंगासागर कहते हैं। मकर संक्रांति पर यहां हर साल मेला लगता है।

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सूर्य की पूजा का महत्व

रामायण में सूर्यवंशी राजाओं द्वारा सूर्य पूजा का वर्णन है। मकर संक्रांति पर विशेष रूप से ये पूजा की जाती थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मकर संक्रांति पर सूर्य पूजा की जाती है।

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सूर्य जाते हैं शनि की राशि में

मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में यानी अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं। यहां शनिदेव उनका स्वागत करते हैं। इस तरह मकर संक्रांति पिता-पुत्र के मिलन का उत्सव भी है।

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खत्म होता है खर मास

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर खर मास समाप्त होता है और मांगलिक कामों पर लगी रोक हट जाती है। इसी खुशी में मकर संक्रांति का पर्व मनाने की परंपरा की शुरूआत हुई।

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