22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। अयोध्या में कईं प्राचीन मंदिर हैं, हनुमान गढ़ी भी इनमें से एक है। आगे जानिए हनुमान गढ़ी क्यों है खास…
ग्रंथों के अनुसार जब श्रीराम अयोध्या के राजा बने तब हनुमानजी एक ऊंचे टीले पर रहकर नगर की रक्षा करते थे। कहते हैं हनुमान गढ़ी ही वो स्थान है, जहां हनुमानजी रहते थे।
मान्यता है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन करने से पहले हनुमान गढ़ी के दर्शन करना चाहिए, तभी अयोध्या दर्शन का पूरा फल मिलता है। इसलिए इस स्थान का विशेष महत्व है।
हनुमान गढ़ी में जो प्रतिमा स्थापित है, उसमें हनुमानजी अपनी माता अंजनी को गोद में बैठे दिखाई देते हैं। हनुमानजी की ऐसी प्रतिमा बहुत कम स्थानों पर देखने में आती है।
हनुमान गढ़ी मंदिर मंदिर परिसर 52 बीघा में फैला हुआ है। इस मंदिर में पूजन आदि व्यवस्था रामानंदी संप्रदाय के बैरागी महंतों और निर्वाणी अनी अखाड़े के संतों द्वारा किया जाता है।
इतिहासकारों के अनुसार, हनुमान गढ़ी पर मुगल कब्जा करना चाहते थे, उस समय नागा साधु और मुगलों में भीषण युद्ध हुआ, लेकिन मुगल इस स्थान पर कब्जा नहीं कर पाए।
हनुमान गढ़ी मंदिर में खास मौकों पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। राम नवमी, विजया दशमी और हनुमान जयंती जैसे व्रत-त्योहार पर मंदिर की विशेष सजावट भी की जाती है।