22 जनवरी, 2024 को अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भ गृह में ‘रामलला’ की प्रतिमा स्थापित होगी। भगवान श्रीराम को रामलला क्यों कहते हैं, जानिए इससे जुड़ी खास बातें…
अयोध्या में बने राम मंदिर के गर्भ गृह में भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप यानी 5-6 वर्ष की आयु की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसी स्वरूप की 3 प्रतिमाएं कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं।
अवध यानी अयोध्या में आम बोल-चाल की भाषा में छोटे बच्चे को लल्ला कहकर बुलाया जाता है। ये एक तरह से प्यार भरा संबोधन है जो बच्चे के प्रति आपके प्रेम को दर्शाता है।
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस में भी भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप को रामलला कहकर संबोधित किया गया है। लल्ला या लला का अर्थ है छोटा सुदंर बालक।
अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित की जाने वाली प्रतिमा इसी स्वरूप को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जिसमें भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप की सुंदर झलक दिखाई दे।
रामचरित मानस में भगवान के बाल स्वरूप का जो सुंदर वर्णन है, उसी स्वरूप की प्रतिमा अयोध्या मंदिर में स्थापित होने से इन्हें ‘रामलला’ कहा जा रहा है।