जिस मंगलवार को चतुर्थी तिथि का संयोग बनता है, उसे अंगारक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धर्म ग्रंथ और ज्योतिष शास्त्रों में अंगारक चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है।
इस बार 13 फरवरी, मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का संयोग बन रहा है। इसलिए इसे अंगारक चतुर्थी कहा जाएगा। ये संयोग गुप्त नवरात्रि के दौरान बन रहा है।
13 फरवरी को सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा इस दिन सिद्धि, शुभ और साध्य नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे, जिससे इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है।
अंगारक चतुर्थी का संयोग साल में 2-3 बार ही बनता है। अंगारक चतुर्थी के संयोग में मंगल ग्रह से संबंधित दोष की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए ये काफी खास है।
चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत और पूजा का विधान है। चंद्रमा की पूजा भी इस व्रत में की जाती है।
13 फरवरी को ही सूर्य राशि बदलकर मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा। कुंभ राशि में इस समय शनि स्थित है। ज्योतिष शास्त्र में शनि-सूर्य की युति को बहुत ज्यादा शुभ नहीं माना गया है।