हिन्दू धर्म में विधिविधान से पूजा का बहुत महत्व है। हर पर्व औऱ खास दिन हम मंदिर में मत्था टेकने जरूर जाते हैं।
मंदिर में पूजा करने से लेकर लौटते वक्त तक अक्सर लोग कुछ गलतियां करते हैं जिससे उनकी पूजा अधूरी रह जाती है।
मंदिर में पूजन के बाद मिले प्रसाद को कभी रास्ते में न खाएं। उसे घर लाएं औऱ अपने चढ़ाए प्रसाद में मिलाकर सबके साथ बैठकर खाएं। रास्ते में खाने से पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।
मंदिर में भगवान को जल, दूध या शहद से अभिषेक के बाद खाली पात्र घर न लाएं। इससे व्यक्ति के काम बिगड़ जाते हैं। इसलिए थोड़ा जल या फूल पात्र में छोड़ देना चाहिए।
पूजन करते वक्त एक दीपक से दूसरा दीपक कभी नहीं जलाना चाहिए। इसे ईश्वर का अनादर करना माना जाता है।
कभी भी पूजा के दौरान हाथ में लगी पूजन सामग्री हल्दी-टीका आदि को पूज स्थल पर ही न साफ करें। पूजा खंडित हो जाती है।