Spiritual

Panchak: ‘मृत्यु पंचक’ 10 फरवरी से, भूलकर भी न करें ये 5 काम

Image credits: adobe stock

क्या होता है पंचक?

ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा रोज नक्षत्र परिवर्तन करता है। चंद्रमा जब धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो इन 5 दिनों को पंचक कहते हैं।

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पंचक कब से कब तक?

इस बार पंचक 10 फरवरी की सुबह 11.38 से शुरू होगा, जो 14 फरवरी की शाम 04.28 तक रहेगा। शनिवार से शुरू होने होने के कारण इस पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाएगा।

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क्या सचमुच अशुभ होता है पंचक?

पंचक अशुभ नहीं होता है, इसमें कुछ विशेष काम करने की मनाही होती है। पंचक में सगाई, विवाह, मुंडन, दुकान का उद्घाटन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य किया जा सकते हैं।

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कौन से काम करने की मनाही?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक के दौरान चारपाई न बनवाएं, घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी न करें, दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचें और घर की छत भी न बनवाएं।

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पंचक में मृत्यु हो तो क्या करें?

पंचक के दौरान अगर किसी मृत्यु हो जाए तो शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इसके लिए कुछ खास नियम बनाए गए हैं।

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पंचक के कितने नाम?

ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग वार से शुरू होने वाले पंचकों के नाम भी अलग-अलग बताए गए हैं, जैसे रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, चोर पंचक और मृत्यु पंचक।

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