भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन 22 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 19 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में आने वाली अमावस्या बहुत खास होती है, इसे हरियाली अमावस्या कहते हैं।
हरियाली अमावस्या का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पौधे लगाए जाते हैं। स्नान, दान, उपाय आदि के लिए भी ये तिथि बहुत शुभ है।
साल 2024 में सावन की अमावस्या तिथि 3 अगस्त, शनिवार की दोपहर 03 बजकर 50 मिनिट से शुरू होगी, जो 04 अगस्त, रविवार की शाम 04 बजकर 42 मिनिट तक रहेगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, सावन अमावस्या 2 दिन रहेगी, लेकिन 4 अगस्त को सूर्योदय के समय अमावस्या होने से इसी दिन हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।
4 अगस्त, रविवार को हरियाली अमावस्या पर पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन छत्र, मित्र, सिद्धि और सर्वार्थसिद्धि नाम के 4 शुभ योग बनेंगे, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार अमावस्या तिथि की देवता पितृ हैं। इस दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किए जाते हैं। इस दिन जरूरतमंदों को दान करने का महत्व भी है।