शारदीय नवरात्रि का पर्व 15 से 23 अक्टूबर तक रहेगा। नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि खास मानी गई है। इन तिथियों पर किए गए उपायों से हर संकट दूर हो सकता है। जानें कब हैं ये तिथि…
पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 22 अक्टूबर को नवमी तिथि 23 अक्टूबर को रहेगी। ये दोनों ही दिन उपाय, पूजा, हवन आदि के लिए बहुत ही शुभ फल देने वाले रहेंगे।
नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि पर आप देवी के मंत्रों का जाप पूरे विधि-विधान से करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। मंत्र जाप से पहले किसी विद्वान से सलाह जरूर लें।
नवरात्रि की अष्टमी नवमी तिथि पर कन्या पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा करने से देवी अति प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। भोजन के बाद कन्याओं को उपहार भी दें।
अष्टमी और नवमी तिथि पर गरीबों को भोजन, कच्चा अनाज, कपड़े, आदि चीजों का दान करें। इससे भी देवी अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर इच्छा पूरी करती हैं।
नवरात्रि के अंतिम दिन किसी ब्राह्मण स्त्री को घर पर भोजन के लिए बुलाएं और उसे सुहाग की सामग्री जैसी चुनरी, चूड़ी, काजल, कुमकुम आदि चीजें उपहार में दें। इससे भी शुभ फल मिलते हैं।
नवरात्रि के अंतिम दिनों में देवी प्रतिमा का पानी में इत्र डालकर अभिषेक करें। ऐसा करते समय देवी मंत्रों का जाप भी करते रहें। इससे जल्दी ही धन लाभ के योग बन सकते हैं।
नवरात्रि के दौरान अगर आपके आस-पास कहीं माता का भंडारा हो रहा है तो वहां अपनी इच्छा अनुसार, अनाज आदि दान करें। इससे माता की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी।
नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि पर विधि-विधान से महिषासुर मर्दिनी का पाठ करें। अगर आप स्वयं ये काम नहीं कर सकते तो किसी योग्य ब्राह्मण से भी ये काम करवा सकते हैं।