इस बार विजयादशमी 24 अक्टूबर, मंगलवार को है। इस दिन श्रीराम ने रावण का वध किया था। रावण से जुड़े कईं ऐसे फैक्ट हैं, जो कम ही लोग जानते हैं। जानें रावण से जुड़े 8 रोचक फैक्ट…
सतयुग में भगवान विष्णु के दो द्वारपाल थे, जय-विजय। उन्होंने सनतकुमारों को बैकुंठ लोक में जाने से रोक लिया था। उन्हीं के श्राप से जय-विजय ने रावण और कुंभकर्ण के रूप में जन्म लिया।
सोने की लंका का निर्माण देवशिल्पी विश्वकर्मा ने किया था। पहले यहां राक्षस ही रहते थे। बाद में यहां रावण के बड़े भाई कुबेर रहने लगे। रावण ने कुबेर को हराकर लंका पर कब्जा कर लिया।
रावण अपने जीवन काल में कईं योद्धाओं से हारा। रावण को सहस्त्रबाहु अर्जुन, वानरों के राजा बालि और पाताल के राजा बलि ने हराया था। बाद में रावण ने इन सभी से मित्रता कर ली।
रावण के पिता ऋषि विश्रवा महान तपस्वी ब्राह्मण थे, लेकिन माता कैकसी राक्षस जाति की थी। रावण हमेशा अपने नाना सुमाली के साथ रहा, इसलिए वह राक्षसों का राजा कहलाया।
मान्यता है कि रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना के के लिए स्वयं श्रीराम ने रावण को पुरोहित बनने के लिए बुलाया था, जबकि वाल्मीकि रामायण में इसका कोई वर्णन नहीं मिलता।
रावण को कईं लोगों ने श्राप दिया था, जिनमें श्रीराम के पूर्वज राजा अनरण्य, यक्ष नलकुबेर, नंदी, मंदोदरी की बहन माया और स्वयं रावण की बहन शूर्पणखा भी शामिल थी।
रावण-यमराज युद्ध के दौरान यमराज ने अपना पाश निकालकर रावण का वध करना चाहा तो ब्रह्मा ने आकर उन्हें रोक दिया क्योंकि रावण को देवताओं के हाथों न मरने का वरदान था।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, जब रावण विश्व विजय पर निकला तो उसके हाथों अनजाने में शूर्पणखा के पति विद्युतजिव्ह का वध हो गया। इसलिए शूर्पणखा ने रावण को श्राप दिया था।