ज्योतिषाचार्य पं. मृत्युजंय तिवारी के अनुसार, साल 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर, शनिवार की रात होगा। इस दिन आश्विन मास की पूर्णिमा रहेगी, जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. तिवारी के अनुसार, 28 अक्टूबर, शनिवार को शरद पूर्णिमा पर होने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसके सूतक आदि सभी नियम मान्य होंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. तिवारी के अनुसार, ये चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर, शनिवार की रात 01:06 से शुरू होगा और 02:22 पर समाप्त हो होगा। भारत में ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी।
चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस हिसाब से 28 अक्टूबर को होने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल शाम 04.05 से शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण के साथ ही समाप्त होगा।
ग्रहण शुरू होने से कुछ समय पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। धर्म ग्रंथों और ज्योतिष में इस समय को अशुभ माना जाता है। सूतक काल के दौरान कईं कामों की मनाही है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से वह काला दिखने लगता है। इसी स्थिति का चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
मेष- धोखा, वृषभ- हानि, मिथुन-सफलता, कर्क-लाभ, सिंह- फिजूलखर्ची, कन्या- मित्र कष्ट, तुला- व्यर्थ तनाव, वृश्चिक-दोस्तों से मिलन, धनु-भय, मकर-हानि, कुंभ-संतान सुख, मीन-असफलता।