इजराइल और फिलिस्तीन की जंग के बीच बहुत से लोग यहूदियों से जुड़ी रोचक बातें जानना चाहते हैं। बहुत कम लोगों को पता होगा कि यहूदी किसे अपना सबसे पवित्र ग्रंथ मानते हैं…
यहूदी अपने सबसे पवित्र ग्रंथ को तनख़ कहते हैं। तनख़ हिब्रू भाषा का शब्द है। कहते हैं कि इसकी रचना 600 से 100 ईसा पूर्व के समय में अलग-अलग लेखकों द्वारा विभिन्न देशों में की गई थी।
तनख़ को ही हिब्रू बाइबिल भी कहा जाता है। इसे ‘ओल्ड टेस्टामेंट’ भी कहते हैं। तनख़ असल में तीन अलग अलग शास्त्रों का संकलन है, यही प्राचीन यहूदी परम्परा का आधार भी है।
तनख़ के तीन भाग है, जिनमें से पहला है- तौरात। इसमें उन 5 किताबों को शामिल किया गया है, जिनकी रचना मूसा (यहूदी पैगंबर) ने की थी। इसका यहूदी धर्म में विशेष स्थान है।
तनख़ के दूसरा भाग है-नवीम। इसमें अलग-अलग पैगम्बरों या नबियों द्वारा लिखी गईं कईं किताबें शामिल हैं, इनकी कुल संख्या 8 है।
तनख़ के तीसरा भाग है-केतविम। यहूदियों के अनुसार, इसमें भगवान की भविष्यवाणियों की 11 रचनाएं शामिल हैं। इसमें हजरत दाऊद का ज़बूर (तेहेल्लिम) का बहुत बड़ा भाग है।