29 जनवरी को माघ कृष्ण चतुर्थी तिथि है। इसे तिल चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत-पूजा की जाती है। जानें इस दिन क्या करें-क्या नहीं…
जो भी महिलाएं-पुरुष तिल चतुर्थी का व्रत करना चाहते हैं वे सुबह स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल-चावल लेकर संकल्प जरूर लें। बिना संकल्प के व्रत का पूरा फल नहीं मिलता।
व्रत करने वाले लोग दिनभर सात्विक आचरण करें। यानी किसी पर क्रोध न करें, अपशब्द न बोलें, दिन भर भगवान श्रीगणेश के नाम का जाप करें। किसी की चुगली न करें।
व्रत करने वाले लोग इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक रूप से करें। सिर्फ शरीर से ही नहीं बल्कि मन से भी इस तरह के विचारों के बारे में न सोचें। यही ब्रह्मचर्य का अर्थ है।
रात को जब चंद्रमा उदय हो तब शुद्ध जल से उसे अर्घ्य दें और हाथ जोड़कर शुभ फल की कामना करें। इसके बाद परिवार की बुजुर्ग महिलाओं के पैर छूकर आशीर्वाद भी जरूर लें।
तिल चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को तिल या इससे बनी चीजें जैसे लड्डू आदि चढ़ाएं और भोजन शुरू करने से पहले इसी से अपना व्रत खोलें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।