शारदीय नवरात्रि का पर्व 3 से 11 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस नवरात्रि में कन्या पूजन की परंपरा भी है। कन्या पूजन में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानें इन बातों के बारे में…
नवरात्रि में कन्या पूजन के लिए उन्हीं लड़कियों को आमंत्रित करना चाहिए, जिनका मासिक धर्म शुरू न हुआ है। मासिक धर्म वाली लड़कियों को कन्या पूजा में शामिल नहीं करना चाहिए।
विद्वानों के अनुसार, कन्या पूजन में 2 साल से कम उम्र की लड़कियां को गिनती नहीं होती। आप चाहें तो भोजन पर बुला सकते हैं और अपनी इच्छा अनुसार उपहार भी दे सकते हैं।
कन्या पूजन के भोजन में जो भी बनाएं, वह पूरी तरह से शुद्ध और सात्विक होना चाहिए। भोजन में खीर या हलवा अवश्य होना चाहिए क्योंकि ये दोनों ही चीजें देवी मां को अतिप्रिय हैं।
भोजन करवाने के बाद विधि-विधान से कन्याओं की पूजा करें और पैर धुलवाएं। अपनी इच्छा के अनुसार, कन्याओं को उपहार भी दें और घर के बाहर तक ससम्मान छोड़कर आएं।
कन्या पूजन में कम से कम 9 कन्याओं को जरूर बुलाना चाहिए। इसमें घर की बेटियों की गिनती न करें। साथ ही एक भैरव के रूप में छोटे लड़के को भी भोजन के लिए जरूर बुलाएं।
पूजन के लिए घर आई कन्याओं का पूरा ध्यान रखें, क्योंकि वे साक्षात दुर्गा का रूप लेकर आपके घर में प्रवेश करती हैं। उनके बैठने, खाने-पीने, उपहार आदि में कोई भूल न करें।