28 अक्टूबर की रात चंद्र ग्रहण होगा। इसका सूतक शाम 4 बजे से शुरू हो जाएगा। सूतक से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते रखे जाते हैं। जानें इस परंपरा के पीछे का कारण…
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान चंद्रमा से हानिकारक किरणें निकलती हैं, जिसके चलते वातावरण दूषित हो जाता है और बैक्टीरिया-वायरस की संख्या भी अचानक बढ़ जाती है।
ये बैक्टीरिया-वायरस पके हुए भोजन को जल्दी से दूषित कर देते हैं, जिसके कारण ये खाने योग्य नहीं रह जाते। या इन्हें खाने से हमारे बीमार होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।
आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया-वायरस को पनपते नही देते और भोजन सुरक्षित रखते हैं। इसलिए सूतक से पहले भोजन में तुलसी के पत्ते रखे जाते हैं।
इसलिए हमारे विद्वानों ने ग्रहण शुरू होने से पहले ही यानी सूतक काल में ही पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डालने की परंपरा बनाई ताकि ये भोजन ग्रहण के बाद ही खाने योग्य बना रहे।