धर्म ग्रंथों के अनुसार महादेव का एक अवतार श्राप के कारण आज भी धरती पर भटक रहा है। ये अवतार काफी रहस्यमयी है। महाशिवरात्रि के मौके पर जानिए इस अवतार के बारे में…
महाभारत के अनुसार, गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा महादेव के ही अवतार हैं। अश्वत्थामा महाक्रोधी स्वभाव के थे। उन्होंने ही छल से पांडवों के सोते हुए पुत्रों का वध किया था।
अश्वत्थामा ने ही अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा पर ब्रह्मास्त्र चलाया था। ताकि उत्तरा के गर्भ में पल रहा पांडवों का वंशज नष्ट हो जाए। तब श्रीकृष्ण ने उसकी रक्षा की थी।
अश्वत्थामा की इस हरकत पर क्रोधित होकर भगवान श्रीकृष्ण ने उसे अनंत काल तक धरती पर भटकने का श्राप दिया था। मान्यता है कि अश्वत्थामा आज भी धरती पर निवास करते हैं।
धर्म ग्रंथों में अष्ट चिंरजीवियों का वर्णन मिलता है, यानी ये आठों अमर हैं। ये सभी धरती पर निवास करते हैं। इनमें से अश्वत्थामा भी एक है। आज भी कुछ लोग इन्हें देखने का दावा करते हैं।
बुरहानपुर के निकट है असीरगढ़ का किला। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि यहां रोज सुबह अश्वत्थामा दर्शन-पूजन करने आते हैं। कईं लोग उन्हें देखने का दावा भी करते हैं।