मनु स्मृति के एक श्लोक के अनुसार, जब महिलाएं कुछ खास काम कर रही हों तो उन्हें नहीं देखना चाहिए, ऐसा करना ठीक नहीं होता। आगे जानिए क्या लिखा है मनु स्मृति में…
नाश्नीयाद्भार्यया सार्द्धं नैनामीक्षेत चाश्नतीम्
क्षुवतीं जृम्भमाणां वान्न चासीनां यथासुखम्
नञ्जयन्तीं स्वके नेत्रे न चाभ्यक्तामनावृताम्
न पश्येत्प्रसवन्तीं च तेजस्कामो द्विजोत्तम:
भोजन करती हुई, जंभाई लेती हुई, श्रृंगार करती हुई, तेल मालिश करवाती और बच्चे को जन्म देती महिला को कभी देखना नहीं चाहिए। इससे पुरुषों का तेज कम होता है।
भोजन करती स्त्री को नहीं देखना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई भोजन करती महिला को देखता है तो उसे असहजता का अनुभव होता है और वह ठीक से भोजन नहीं कर पाती।
जंभाई यानी अंगडाई लेती महिला को किसी पुरुष को नहीं देखना चाहिए क्योंकि इस समय महिलाओं को मर्यादा का भान नहीं रहता। पुरुष यदि उन्हें देखे तो वे असहज महूसस करती हैं।
श्रृंगार करती महिला को जब कोई पुरुष एकटक देखता है ये स्थिति उसे असहज कर देती है। उसके मन में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं। इसलिए श्रृंगार कर रही महिला को न देखें।
तेल मालिश करती और बच्चे को जन्म देती स्त्री को भी नहीं देखना चाहिए। ऐसी स्थिति किसी पुरुष के जीवन में शायद ही कभी बनती है। लेकिन ऐसा हो तो वहां से उठकर चले जाना चाहिए।