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महिलाओं को शंख क्यों नहीं बजाना चाहिए? जानें शंकराचार्यजी का उत्तर

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शंकराचार्यजी देते हैं शास्त्रोक्त जवाब

शंकाराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के पास रोज हजारों लोग चिट्ठी के माध्यम से सवाल पूछते हैं। महाराज उन सवालों का शास्त्रीय प्रमाण के साथ जवाब भी देते हैं।

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महिलाओं को शंख बजाना चाहिए या नहीं?

शंकाराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज से एक भक्त ने पूछा कि ‘क्या महिलाएं शंख बजा सकती है और यदि नहीं तो इसके पीछे क्या कारण है? जानें क्या कहा शंकराचार्य ने…

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शास्त्रों में निषेध है शंख बजाना

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अनुसार, ‘सनातन धर्म में महिलाओं के शंख बजाने की मनाही है, इसका पहला कारण तो यही है कि शास्त्रों में ऐसा करना निषेध माना गया है।’

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ये है इस परंपरा के पीछे का अनुमान

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अनुसार, ‘कुछ लोग इस परंपरा के पीछे अनुमान लगाते हैं कि शंख बचाने से नाभि पर जोर पड़ता है जो कि महिलाओं के लिए उचित नहीं है।’

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ये भी है एक कारण

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अनुसार, ‘महिलाओं का मासिक चक्र है, ऋतु धर्म है और गर्भावस्था भी है। इन कारणों से नाभि पर जोर पड़ने वाला काम उन्हें नहीं करना चाहिए।’

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महिलाएं जानती हैं ये बातें

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अनुसार, ‘शास्त्रों ने महिलाओं का शंख बजाना निषिद्ध है, इसलिए ये काम नहीं करना चाहिए। सनातन धर्म की महिलाएं इस बात को मानती भी हैं।’

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