इस बार नागपंचमी 9 अगस्त, शुक्रवार को है। कुछ लोग इस दिन जीवित नाग की पूजा भी करते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है। जानें क्यों जीवित नाग की पूजा नहीं करनी चाहिए…
उज्जैन सर्प अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डॉ. मुकेश इंगले के अनुसार, पूजा के दौरान सांप पर जो भी चीजें चढ़ाई जाती है जैसे हल्दी, कुमकुम आदि, इससे उसकी सेहत बिगड़ सकती है।
जीवित नाग को भूलकर भी दूध नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि ये एक मांसाहारी जीव है। सपेरे इन्हें जबरन दूध पिला तो देते हैं, लेकिन यही दूध बाद में इनकी जान का दुश्मन बन जाता है।
सांप की पूजा करना और दूध पिलाना एक तरह से अत्याचार है। हम सांपों की पूजा करना चाहते हैं तो उनकी प्रतिमाओं की पूजा करें। जीवित सांप को परेशान कर हम अत्याचार कर बैठते हैं।
सांप हमारे पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत जरूरी है। सांप न हो तो पारिस्थितिक तंत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है, जिसका नुकसान मनुष्यों को हो सकता है। इसलिए इनका होना बहुत जरूरी है।
हमारे पूर्वज पारिस्थितिक तंत्र में सांप के महत्व को जानते थे, इसलिए उन्होंने नागपंचमी पर्व मनाने की परंपरा बनाई। लाइफ मैनेजमेंट के अनुसार, ये पर्व नागों को धन्यवाद देने के लिए है।