हमारे देश में देवी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिरों में मांस-मदिरा का भोग भी लगाया जाता है। नवरात्रि के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बता रहे हैं…
कोलकाता स्थित काली मंदिर शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां देवी सती के पैर की उंगलियां गिरी थीं। यहां माता को पुलाव, चटनी और खीर के साथ, मांस का भी भोग लगाया जाता है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित गढ़कालिका मंदिर में देवी को मदिरा का भोग लगाने की परंपरा है। ये महाकवि कालिदास की कुलदेवी मानी जाती हैं। दूर-दूर से तंत्र साधक यहां आते हैं।
असम के गुवाहाटी में स्थित कामाख्या देवी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। ये मंदिर तंत्र-मंत्र साधना के लिए जाना जाता है। यहां भी देवी को खास मौकों पर मछली-मीट का भोग लगाया जाता है।
ये भी देवी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां भी देवी को सात्विक के साथ-साथ नॉनवेज यानी मांसाहार का भोग लगाया जाता है। भक्तों को भी प्रसाद के रूप में मटन दिया जाता है।
दुर्गा पूजा के दौरान मार्कंडा मंदिर के तालाब से मछली पकड़कर उसे पकाकर विमला देवी को अर्पित किया जाता है। विमला मंदिर में प्रसाद को 'बिमला परुसा' के रूप में जाना जाता है।