प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में नागा साधु सबके आकर्षण का केंद्र हैं। नागा साधु अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं। इस परंपरा के पीछे एक खास वजह है। आगे जानें क्या है वजह…
नागा साधु भगवान शिव की पूजा करते हैं, इसलिए महादेव की तरह वो भी शरीर पर भस्म लगाते हैं। नागा साधु इस भस्म को ही अपना कपड़ा मानते हैं और इसी से अपना श्रृंगार भी करते हैं।
नागा साधुओं के शरीर पर भस्म लगाने के पीछे एक कारण ये भी है वे जानते हैं कि ये शरीर एक दिन जलकर भस्म भी होना है। इसलिए वे स्वयं को इसके लिए पहले से तैयार कर लेते हैं।
नागा साधु जो भस्म शरीर पर लगाते हैं वो साधारण नहीं होती। इसे खास तरीके से तैयार किया जाता है। इसलिए ये भस्म एक तरह की औषधि की तरह काम करती है और चर्म रोगों से बचाती है।
इस भस्म को बनाने के लिए लकड़ी को धूनी में जलाते हैं और इसकी राख को चंदन के लेप में मिलाकर गोलियां बनाते हैं। इन गोलियों को गाय के उपलों की आग में पकाया जाता है।
इसके बाद इन गोलियों को ठंडा कर पीसते हैं और फिर छानते हैं। इस भस्म को गाय के कच्चे दूध और चंदन में मिलाकर फिर पकाते हैं। तब कहीं जाकर ये खास भस्म तैयार होती है।