नागा साधु क्यों नहीं पहनते कपड़े? जानें इसके पीछे की 1 वजह
Spiritual Jan 07 2025
Author: Manish Meharele Image Credits:Getty
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कब से शुरू होगा महाकुंभ 2025?
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू होने वाला है, जो 26 फरवरी तक रहेगी। इस महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। नागा साधु भी इनमें शामिल है।
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धर्म रक्षक हैं नागा साधु
नागाओं की अपनी अलग दुनिया होती है। इन्हें धर्म रक्षक के रूप में देखा जाता है यानी जब-जब भी हिंदू धर्म पर संकट आता है तो ये एक सैनिक की तरह मरने-मारने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
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किसकी पूजा करते हैं नागा?
वैसे तो नागा साधु अपने अखाड़े की परंपरा के अनुसार, अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा करते हैं लेकिन महादेव की पूजा हर अखाड़े के नागा करते हैं। शिवजी को ही वे अपना इष्टदेव मानते हैं।
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नागा क्यों नहीं पहनते कपड़े?
नागाओं के अनुसार, उनके इष्टदेव भगवान शिव भी दुनिया से अलग श्मशान में सिर्फ बाघ की खाल लपेटकर रहते हैं। नागा भी उनकी ही तरह रहना पसंद करते हैं और कपड़ों का त्याग कर देते हैं।
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नागा किसे मानते हैं अपना वस्त्र?
नागा साधु अपने शरीर पर हमेशा भस्म लगाए रहते हैं। इसे ही वे अपना वस्त्र और श्रृंगार मानते हैं। ये भस्म ही उनके लिए जीवन का सार होती है। भस्म लगाने से उन्हें चर्म रोग भी नहीं होते।
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नागा को दिगंबर क्यों कहते हैं?
नागा साधुओं को दिगंबर भी कहते हैं जिसका अर्थ है दिग यानी दिशाएं और अंबर यानी वस्त्र। कहने का अर्थ है नागा साधु इन दिशाओं को ही अपना वस्त्र मानते हैं जिससे पूरा संसार ढंका हुआ है।