13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो चुका है। कुंभ में कईं साध्वियां नजर आ रही हैं। इन्हीं में से एक हैं हर्षा ऋच्छारिया, जिन्होंने ग्लैमर की दुनिया को छोड़ आध्यात्म चुना है।
हर्षा आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी जी महाराज की शिष्या हैं और पिछले 2 सालों से धर्म के मार्ग पर चल रही हैं। सुकून की तलाश में हर्षा ने धर्म का रास्ता अपनाया है।
हर्षा की उम्र महज 30 साल है। उनके लिए इतनी कम उम्र में साध्वी बनने का निर्णय लेना आसान नहीं था, लेकिन जब उन्हें किसी और काम में सुकून नहीं मिला तो उन्हें धर्म का मार्ग चुना।
ग्लैमर जगत के लिए हर्षा ऋच्छारिया का नाम नया नहीं है। हर्षा एक्टिंग के साथ-साथ एंकरिंग भी कर चुकी हैं। देश-विदेश में घूम चुकी हर्षा का अब ग्लैमर जगत से मोह भंग हो चुका है।
अपने करियर के पिक टाइम पर हर्षा ने सबकुछ छोड़कर आध्यात्म का रूख किया है। उनका कहना है कि ग्लैमर में पैसा और शोहरत जरूर है लेकिन सुकून बिल्कुल भी नहीं।
हर्षा के अनुसार, जब भक्ति आपको अपनी ओर खीचंती है तो आपको सुकून मिलना शुरू होता है। लोग घरों को छोड़कर मंदिरों में रहना शुरू कर देते हैं। ऐसा किस्मत वालों के साथ ही होता है।
हर्षा इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी लगातार एक्टिव रहती हैं। उनकी पोस्ट्स में धर्म के साथ-साथ अध्यात्म और भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।