वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज से मिलने रोज हजारों लोग आते हैं। सभी के मन में अलग-अलग सवाल होते हैं। बाबा उन सभी सवालों का धर्म के अनुसार उचित जवाब भी देते हैं।
प्रेमानंद बाबा से एक महिला ने पूछा कि ‘मैंने 108 गोवर्धन परिक्रमा करने का संकल्प लिया था, अब कुछ ही बाकी हैं लेकिन शरीर साथ नहीं दे रहा, क्या करूं?’ जानें क्या कहा बाबा ने…
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘किसी भी बात का संकल्प क्यों करते हो, क्योंकि पता नहीं शाम तक तुम जीवित रहो या न रहो। संकल्प वही करे जिसे कल का भरोसा है कि वह जीवित रहेगा।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘भूलकर भी कभी संकल्प नहीं करना चाहिए, क्योंकि यदि संकल्प लिया तो उसे पूरा करना पड़ता है। जो व्यक्ति ऐसा नहीं करता, उसका अपराध बनता है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘जब भी कोई संकल्प करें तो ऐसा बोलें कि- हे प्रभु आपने मुझे जीवन और शक्ति दी तो हम 108 परिक्रमा करेंगे। नहीं तो जितनी संभव होगी, उतनी करेंगे।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘इस तरह का संकल्प लेने से यदि आप उसे किसी कारण वश पूरा नहीं भी कर पाए तो आपका अपराध नहीं बनेगा और आपकी सेवा भगवान स्वीकार भी करेंगे।’