प्रेमानंद बाबा के पास एक भक्त ने आकर अपनी समस्या बताते हुए कहा कि ‘पत्नी मुझे अपने ही माता-पिता की सेवा नहीं करने देती, मैं क्या करूं?’ जानें महाराज श्री ने उसे क्या उपाय सूझाया…
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘आजकल की जो बच्चियां हैं वे बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड की परंपरा से निकलकर आई हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें बड़े-बूढ़ों की सेवा करना अच्छा नहीं लगता।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘आज के समय की जो बच्चियां विवाह करके आती हैं वे सोचती हैं कि हमारा पति होटल से खाना लेकर आए और हम अपनी मनमानी करती रहें।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘आज-कल ये जो लिव इन रिलेशन चल रहा है ये बुद्धि को भ्रष्ट करने वाला है और जिसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है वे बुजुर्गों की सेवा-आराधना नहीं कर पाते।’
प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्त से कहा ‘तुम किसी भी स्थिति में अपने माता-पिता का त्याग मत करना और पत्नी अर्धांगिनी है तो उसे भी कष्ट मत पहुंचाना। ये दोनों ही स्थिति गलत है।’
प्रेमानंद महाराज ने उस व्यक्ति को उपाय सूझाया और कहा कि ‘तुम कुछ इस प्रकार की युक्ति करो कि जिससे पत्नी भी संतुष्ट रहे और तुम अपने माता-पिता की सेवा भी करते रहो।’