क्यों हर बार रक्षाबंधन पर ही बनता है भद्रा का संयोग, जानिए कारण?
Spiritual Aug 25 2023
Author: Manish Meharele Image Credits:Getty
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कब है रक्षाबंधन? (rakshabandhan kab hai)
30 अगस्त को रक्षाबंधन है। इस दिन रात 9 बजे तक भद्रा रहेगी, जिसके चलते रात में ही बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। आखिर क्यों भद्रा का संयोग रक्षाबंधन पर ही बनता है।
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क्या है भद्रा? (rakshabandhan par bhadra kab tak rahegi)
ज्योतिषियों के अनुसार, एक तिथि के 2 भाग होते हैं, जिन्हें करण कहा जाता है। ये 11 प्रकार के होते हैं। इन्ही में से एक का नाम विष्टी है, विष्टी का एक अन्य नाम भद्रा भी है।
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कब आती है भद्रा? (rakshabandhan Par bhadra ka Sanyog)
भद्रा का संयोग एक महीने में कुछ खास तिथियों पर ही बनता है। ये तिथियां हैं चतुर्थी, अष्टमी, एकादशी और पूर्णिमा तिथि। भद्रा नक्षत्र में बहुत से शुभ कार्य करने की मनाही होती है।
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रक्षाबंधन पर ही क्यों भद्रा?
हर साल रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है, जो कि भद्रा के संयोग वाली तिथि है। यही कारण है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का संयोग विशेष रूप से बनता है।
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राखी बांधने के लिए अशुभ क्यों?
भद्रा में कई शुभ कार्य करने की मनाही है। रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने के लिए भद्रा का त्याग किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भाई के साथ कुछ अशुभ हो सकता है।
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धर्म ग्रंथों में भद्रा
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। इसका स्वरूप अत्यंत विकराल है। ये आकाश, पाताल और पृथ्वी पर घूमती रहती है। पूर्णिमा पर ये पृथ्वी पर ही रहती है।