सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई को राखी बांधकर उसके अच्छे जीवन की कामना करती है, वहीं भाई भी बहनों को रक्षा करने के वचन देते हैं।
इस बार रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त, सोमवार को है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, भाई को राखी बांधते समय एक मंत्र भी बोलना चाहिए। जानें कौन-सा है वो मंत्र…
येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल
अर्थ- जिस रक्षासूत्र से राजा बलि को बांधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बांधती हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा।
जनेन विधिना यस्तु रक्षाबंधनमाचरेत।
स सर्वदोष रहित, सुखी संवतसरे भवेत्।।
अर्थ- इस मंत्र को बोलकर जो व्यक्ति रक्षाबंधन मनाता है, वह संपूर्ण दोषों से दूर रहकर वर्ष भर सुखी रहता है।
राजा बलि दानवों के राजा थे। देवी लक्ष्मी ने उन्हें रक्षासूत्र बांधकर अपना भाई बनाया था। रक्षासूत्र बांधने के बाद ही राजा बलि ने भगवान विष्णु को पुन: लक्ष्मीजी को सौंप दिया था।
विद्वानों के अनुसार विधि-विधान से यदि बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र यानी राखी बांधे तो ये उसकी रक्षा करता है। साथ ही आने वाले संकटों से भी बचाता है।