शिवपुराण की रुद्र संहिता में महिलाओं के बारे में कईं जरूरी नियम बताए हैं। ये नियम देवी पार्वती को एक पतिव्रता ब्राह्मण पत्नी ने विदाई के समय बताए थे। आगे जानें कौन-से हैं वो नियम…
शिवपुराण के अनुसार यदि पति बीमार हो या बूढ़ा हो जाए तो भी उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए। हर सुख-दु:ख में पति की बात माननी चाहिए और उसका साथ देना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार अपने पति की गुप्त बात किसी को नहीं बताना चाहिए। पति से बिना पूछे कहीं जाना नहीं चाहिए। पति से बिना पूछे कोई व्रत-उपवास भी नहीं रखना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार, विवाहित महिला को घर के दरवाजे पर अधिक देर तक नहीं खड़ा रहना चाहिए। अधिक खर्च किए बिना ही परिवार का पालन-पोषण ठीक से करना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार पतिव्रता स्त्री को ऐसा काम करना चाहिए, जिससे पति का मन प्रसन्न रहे। ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कि पति के मन में विषाद यानी दुख उत्पन्न हो।
जो भी स्त्री या पुरुष पति से द्वेष रखता हो, उससे किसी भी तरह का मेल-जोल पत्नी को नहीं रखना चाहिए। पति जब बाहर से आए तो भोजन-पानी देकर उसकी सेवा करनी चाहिए।
पति को खुश करने के लिए पत्नी को हल्दी, रोली, सिंदूर, काजल आदि चीजों से श्रृंगार करना चाहिए। जब पति घर से बाहर रहे तो इन चीजों का उपयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए।