22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की कईं बड़ी हस्तियां शामिल होंगी।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम के पास अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्र थे। ब्रह्मास्त्र भी इनमें से एक था। ये भीषण अस्त्र श्रीराम को किसने दिया? आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…
देवताओं से दिव्यास्त्र पाने के लिए तपस्या करनी पड़ती थी, लेकिन श्रीराम को ये सभी अस्त्र-शस्त्र बिना तपस्या के ही प्राप्त हो गए थे। उन्हें ये दिव्यास्त्र एक ऋषि ने दिए थे।
रामायण के अनुसार, जब राक्षसों का आंतक काफी बढ़ गया तो ऋषि विश्वामित्र अयोध्या के राजा दशरथ के पास सहायता के लिए पहुंचे और श्रीराम-लक्ष्मण को अपने साथ लेकर वन में आ गए।
राक्षसों के वध के लिए विश्वामित्र ने श्रीराम-लक्ष्मण को अनेक दिव्यास्त्र दिए। ब्रह्मास्त्र इनमें से एक था। इन्हीं दिव्यास्त्रों से उन्होंने ताड़का सहित अन्य राक्षसों का वध किया था।
ब्रह्मास्त्र के अलावा ऋषि विश्वामित्र ने श्रीराम को और भी कईं दिव्यास्त्र दिए थे, जिनमें दण्डचक्र, कालचक्र, वज्रास्त्र, शिव जी का शूल, ब्रह्मशिर, वरुणपाश और खड्ग आदि प्रमुख थे।
श्रीराम के पास मोदकी व शिखर नाम की गदाएँ, नारायणास्त्र, आग्नेयास्त्र, वायव्यास्त्र, कालपाश मादनास्त्र, गन्धर्वास्त्र, मानवास्त्र, पैशाचास्त्र, तामस और अद्वितीय सौमनास्त्र भी थे।