वाल्मीकि रचित रामायण में लगभग 24,000 श्लोक हैं। इससे छोटी रामायण में 10 श्लोक हैं जो मूल रामायण के नाम से जानी जाती है।
वाल्मीकि का रामायण और तुलसीदास की रामचरित मानस के बाद संपूर्ण रामायण को सिर्फ एक श्लोक से भी समझा जाता है। इसे एक श्लोकीय रामायण कहते हैं।
आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीव संभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
एक श्लोकी रामायण पढ़ने से भी संपूर्ण रामायण पढ़ने भर का पूर्ण फल प्राप्त होता है। समय की व्यस्तता में यदि व्यवक्ति यह एक श्लोक भी पढ़े तो संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
एक श्लोकी रामायण के मंत्र का जाप रोज सुबह नहाकर, साफ कपड़े पहनकर करें। कुश के आसन पर बैठकर भगवान राम के चित्र के सामने रुद्राक्ष की माला लेकर 5 माला इस मंत्र का जाप करें।
एक श्लोकी रामायण के मंत्र का जाप रोज नियत समय पर और एक ही आसन पर बैठकर एवं एक ही माला किया जाए तो पूजन का बेहतर फल मिलता है।