22 जनवरी 2024 को अयोध्या मंदिर में राम लला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। भगवान राम से जुड़ी कईं बातें आम लोग नहीं जानते। आगे जानिए श्रीराम का जन्म किस वंश में हुआ था…
रामायण में श्रीराम को सूर्यवंशी, रघुवंशी और इक्ष्वाकुवंशी आदि वंशों का बताया गया है। ये सभी भगवान श्रीराम के पूर्वज थे, जिन्होंने महान कार्य करके अपने वंश का मान बढ़ाया।
ब्रह्मा के पुत्र मरीचि के कुल में सूर्यदेव हुए। इन्हीं सूर्यदेव के पुत्र हुए मनु, जिनसे मनुष्यों की उत्पत्ति हुई । श्रीराम इन्हीं के वंश में पैदा हुआ, इसलिए सूर्यवंशी कहलाए।
ग्रंथों में कईं बार श्रीराम को इक्ष्वाकुवंशी भी कहा गया है। राजा इक्ष्वाकु सूर्यवंश के महान प्रतापी राजा हुए। इन्हें के नाम से सूर्यवंश बाद में इक्ष्वाकुश के नाम से जाना जाने लगा।
ग्रंथों में राजा रघु का वर्णन मिलता है। इनके राज्य में सभी सुखी थे। राजा रघु से ही इक्ष्वाकु वंश को रघुवंशी और रघुकुल कहा जाने लगा। इनके नाम से ही श्रीराम को रघुवंशी भी कहते हैं।
ग्रंथों के अनुसार, सूर्यवंश में अनेक महान राजा हुए। राम का जन्म ब्रह्माजी की 67वीं पीढ़ी में हुआ था। दशरथ के पुत्र के रूप में भगवान विष्णु ने राम अवतार लेकर राक्षसों का अंत किया।