Hindi

Sawan 2024: बिल्व पत्र तोड़ते समय कौन-सा मंत्र बोलना चाहिए?

Hindi

सावन 19 अगस्त तक

सावन मास 22 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 19 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में शिवजी की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। शिव पूजा में बिल्व पत्र का उपयोग विशेष रूप से होता है।

Image credits: Getty
Hindi

बिल्व पत्र तोड़ते समय मंत्र जरूर बोलें

धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब भी शिव पूजा के लिए बिल्व पत्र तोड़ें तो एक विशेष मंत्र जरूर बोलना चाहिए। इस मंत्र में बिल्व पत्र का महत्व भी बताया गया है। आगे जानिए कौन-सा है वो मंत्र…

Image credits: Getty
Hindi

बिल्व पत्र तोड़ने का मंत्र

अमृतोद्भव श्रीवृक्ष महादेवप्रियःसदा।
गृह्यामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात्॥

Image credits: Getty
Hindi

ये है मंत्र का अर्थ

अमृत से उत्पन्न होने वाले सौंदर्य व ऐश्वर्यपूर्ण वृक्ष, जो महादेव को हमेशा प्रिय है। भगवान शिव की पूजा के लिए हे वृक्ष मैं तुम्हारे पत्र (पत्ते) तोड़ता हूं।

Image credits: Getty
Hindi

बिल्व की जड़ में शिवजी का वास

धर्म ग्रंथों के अनुसार, बिल्व वृक्ष के मूल यानी जड़ में भगवान शिव का वास होता है। इसलिए इस वृक्ष की जड़ को सींचा जाता है। बिल्व वृक्ष के नीचे रोज दीपक लगाने का भी महत्व है।

Image credits: Social media
Hindi

बिल्व पत्र कब न तोड़ें?

सोमवार, अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा और संक्रांति के दिन बिल्व पत्र नहीं तोड़ना चाहिए। अगर सोमवार को शिव पूजा में बिल्व पत्र चढ़ाना हो तो रविवार को ही इसे तोड़कर रख लें।

Image credits: Getty
Hindi

इन बातों का भी रखें ध्यान

बिल्व पत्र में तीन पत्तियां हो, वही सबसे अच्छा माना जाता है। बिल्व पत्र का उपयोग कईं बार किया जा सकता है। एक बार चढ़ाकर इसे शुद्ध जल से धोकर दोबारा उपयोग में ले सकते हैं।

Image Credits: Getty